हमारे देश भारत के साथ-साथ दुनिया के हरेक देश में इकोनॉमिक्स एक काफी महत्वपूर्ण विषय है जिसे स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर पढ़ाया जाता है. ‘इकोनॉमिक्स’ वास्तव में वह सब्जेक्ट है जिसमें प्रोडक्शन, कंज़म्पशन और ट्रांसफर ऑफ़ वेल्थ के बारे में पढ़ाया जाता है. किसी क्षेत्र या लोगों के ग्रुप की भौतिक संपन्नता को भी इस विषय में शामिल किया जाता है. अगर हम इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट को ज्यादा सरल शब्दों में समझें तो इकोनॉमिक्स सोशल साइंस का एक ऐसा विषय है जिसमें गुड्स एंड सर्विसेज के प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और कंज़म्पशन के बारे में स्टडी की जाती है. इकोनॉमिक्स के तहत किसी समाज के द्वारा अपने लिमिटेड रिसोर्सेज के इस्तेमाल के बारे में भी अध्ययन किया जाता है. स्कॉलर लिओनेल रॉबिन्स के अनुसार, “इकोनॉमिक्स ऐसी साइंस है जो लिमिटेड रिसोर्सेज और ह्यूमन गोल्स के बीच स्थापित संबंध के तौर पर मनुष्य के व्यवहार का अध्ययन करती है. इन लिमिटेड रिसोर्सेज के अन्य वैकल्पिक इस्तेमाल भी किए जा सकते हैं.”
बीए इकोनॉमिक्स क्या है?
बैचलर ऑफ़ आर्ट्स - इकोनॉमिक्स ऑनर्स (बीए - इकोनॉमिक्स) एक ऐसा कोर्स है जिसमें इकोनॉमिक्स के कोर फंडामेंटल्स, थ्योरीज़ और एप्लीकेशन्स के बारे में स्टडी और रिसर्च की जाती है. इस सब्जेक्ट कोर्स के तहत माइक्रोइकोनॉमिक्स, मैक्रोइकोनॉमिक्स, इकोनोमेट्रिक्स, इकोनॉमिक स्टैटिस्टिक्स, हिस्ट्री ऑफ़ इकोनॉमिक्स, इंडियन इकॉनोमी जैसे कोर्सेज को शामिल किया जाता है. बीए इकोनॉमिक्स में इकोनॉमिक्स के विभिन्न कॉन्सेप्ट्स की थ्योरीटिकल स्टडीज़ को शामिल किया जाता है. बीए इकोनॉमिक्स के लिए मैथ्स विषय पढ़ना जरुरी नहीं है.
बीएससी इकोनॉमिक्स क्या है?
बैचलर ऑफ़ साइंस – इकोनॉमिक्स ऑनर्स (बीएससी – इकोनॉमिक्स) विषय का सिलेबस और पैटर्न बीए इकोनॉमिक्स से मिलता-जुलता है. लेकिन बीएससी इकोनॉमिक्स के तहत ज्यादा प्रैक्टिकल लेसंस, स्टैटिस्टिक्स और मैथमेटिक्स को एडवांस्ड लेवल पर पढ़ाया जाता है. बीएससी इकोनॉमिक्स में स्टूडेंट्स के लिए ज्यादा प्रैक्टिकल स्किल्स को शामिल किया जाता है.
बीए इकोनॉमिक्स और बीएससी इकोनॉमिक्स में समानता
वास्तव में, भारत सहित दुनिया के सभी देशों में इकोनॉमिक सेक्टर से संबंधित सभी किस्म की प्रॉब्लम्स और प्रैक्टिसेज के बारे में बीए इकोनॉमिक्स और बीएससी इकोनॉमिक्स के माध्यम से स्टडी की जाती है. इन दोनों ही सब्जेक्ट कोर्सेज के तहत अपने देश और अन्य देशों के इकनोमिक सेक्टर में लेटेस्ट ट्रेंड्स और इकनोमिक पालिसीज़ के बारे में विस्तृत अध्ययन किया जाता है. इन दोनों ही अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में से कोई एक कोर्स पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स इकोनॉमिक्स की फील्ड में हायर स्टडीज़ कर सकते हैं या इकनोमिक सेक्टर से संबंधित कोई करियर शुरू कर सकते हैं.
स्टूडेंट्स के लिए बेहतर रहेगा बीए इकोनॉमिक्स या बीएससी इकोनॉमिक्स कोर्स
अब हमारे सामने यह प्रश्न उठता है कि किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के साथ अपनी 12वीं क्लास पास करने के बाद स्टूडेंट्स अंडरग्रेजुएट लेवल पर बीए इकोनॉमिक्स या बीएससी इकोनॉमिक्स में से कौन-सा कोर्स करें? वास्तव में इन दोनों ही कोर्सेज का प्रमुख उद्देश्य स्टूडेंट्स को इकनोमिक सेक्टर से संबंधित विभिन्न कॉन्सेप्ट्स, कोर फंडामेंटल प्रिंसिपल्स और देश-दुनिया के लेटेस्ट इकनोमिक ट्रेंड्स के बारे में थ्योरीटिकल और प्रैक्टिकल नॉलेज देना है. अब स्टूडेंट्स अपनी दिलचस्पी के मुताबिक बीए इकोनॉमिक्स या बीएससी इकोनॉमिक्स कोर्स चुन सकते हैं. जिन स्टूडेंट्स को मैथ्स सब्जेक्ट पढ़ने में दिलचस्पी नहीं है या फिर जिन स्टूडेंट्स के पास नार्मल मैथमेटिकल स्किल्स हैं, ऐसे स्टूडेंट्स अवश्य ही बीए इकोनॉमिक्स कोर्स करें क्योंकि इसमें मैथ्स पढ़ना जरुरी नहीं है.
इकोनॉमिक्स में स्पेशलाइजेशन फ़ील्ड्स
- इकोनोमेट्रिक्स
- फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स
- बैंकिंग इकोनॉमिक्स
- बिजनेस इकोनॉमिक्स
- इंडस्ट्रियल इकोनॉमिक्स
- लेबर इकोनॉमिक्स
- एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स
- एनवायरनमेंटल इकोनॉमिक्स
- डेवलपमेंटल इकोनॉमिक्स
- इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स
भारत में बीए/ बीएससी इकोनॉमिक्स करवाने वाले टॉप कॉलेजों की लिस्ट
- श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स, नई दिल्ली
- सेंट स्टीफन कॉलेज, नई दिल्ली
- लेडी श्री राम कॉलेज, नई दिल्ली
- सेंट ज़ेवियर कॉलेज, कोलकाता/ मुंबई
- लोयोला कॉलेज, चेन्नई
- हिंदू कॉलेज, नई दिल्ली
- अशोक यूनिवर्सिटी, सोनीपत
- हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली
- फर्ग्यूसन कॉलेज, पुणे
भारत में इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट्स के लिए उपलब्ध हैं ये करियर ऑप्शन्स/ जॉब प्रोफाइल्स
स्टूडेंट्स ने चाहे बीए इकोनॉमिक्स में या बीएससी इकोनॉमिक्स में अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो, हमारे देश में स्टूडेंट्स के लिए इकोनॉमिक्स की स्ट्रीम से जुड़े निम्नलिखित जॉब प्रोफाइल्स उपलब्ध हैं:
- इकनोमिक रिसर्चर – ये लोग इकनोमिक सेक्टर से संबंधित मामलों में रिसर्च करते हैं.
- सेल्स एनालिस्ट – इन लोगों का काम सेल्स एंड परचेज़ की एक्टिविटीज़ का लगातार एनालिसिस करना होता है.
- कस्टमर प्रॉफिट एनालिस्ट – ये लोग अपने कस्टमर्स के प्रॉफ़िट्स का लेखा-जोखा रखते हैं.
- इकोनॉमिस्ट – ये लोग राज्य/ केंद्र सरकार और विभिन्न संगठनों की इकनोमिक पालिसीज़/ इश्यूज़ की देखरेख करते हैं.
- सिक्यूरिटीज़ एनालिस्ट ट्रेनी – ये लोग सिक्यूरिटी एक्सचेंजेज से जुड़े सभी इश्यूज का एनालिसिस करते हैं.
- इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट – ये लोग अपने कस्टमर्स और कंपनियों की इन्वेस्टमेंट्स का एनालिसिस करते हैं.
- इन्वेस्टमेंट एडमिनिस्ट्रेटर – इन लोगों का प्रमुख काम इन्वेस्टमेंट से जुड़े सभी काम संभालना होता है.
- फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो मैनेजर – ये लोग बड़े फाइनेंशियल संगठनों के लिए एज़ेट्स मैनेज करते हैं.
- फाइनेंशियल सर्विस मैनेजर – ये लोग फाइनेंशियल और बैंकिंग सेक्टर की फाइनेंस सर्विसेज को मैनेज करते हैं.
भारत में इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट्स को रोज़गार प्रदान करने वाले प्रमुख संगठन
वैसे तो दुनिया के सभी कारोबार इकनोमिक सेक्टर के अंतर्गत शामिल हैं लेकिन हमारे देश में इकनोमिक ग्रेजुएट्स को जॉब प्रोवाइड करवाने वाले प्रमुख संगठनों की एक लिस्ट नीचे दी जा रही है:
- इंडियन इकोनॉमिक सर्विसेज (IAS लेवल)
- एग्रीकल्चरल कंपनियां
- इकनोमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट्स
- एनालिसिस/ फोरकास्टिंग फर्म्स
- स्टॉक एक्सचेंजेज
- बैंक्स
- क्रेडिट यूनियन्स
- मैन्युफैक्चरिंग फर्म्स
- स्टैटिस्टिकल रिसर्च फर्म्स
- फाइनेंशियल इनफॉर्मेशन फर्म्स
- इंटरनेशनल ट्रेड कंपनियां
सैलरी पैकेज
हमारे देश में बीए इकोनॉमिक्स या बीएससी इकोनॉमिक्स करने के बाद कैंडिडेट्स को बैंकिंग या फाइनेंस सेक्टर में जॉब ज्वाइन करने के बाद शुरू में एवरेज 1.5 लाख – 5 लाख रुपये तक का सालाना सैलरी पैकेज मिलता है. कुछ साल के वर्क एक्सपीरियंस, टैलेंट और हायर एजुकेशनल क्वालिफिकेशनल डिग्रीज़ हासिल करने के साथ-साथ इस सैलरी पैकेज में बढ़ोतरी होती जाती है.
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