फ्रीलांसिंग भी हो सकती है आपके लिए एक शानदार करियर ऑप्शन
अगर आप एक फ्रीलांसर के तौर पर अपना करियर शुरू करना चाहते हैं तो आपको कुछ सावधानियां भी जरुर बरतनी होंगी. भारत में फ्रीलांसिंग के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए यह अर्टिकल जरुर पढ़ें.

दुनिया के कई देशों की तरह ही भारत में भी अब कई स्किल्ड और काफी पढ़े-लिखे लोग अपनी वर्क फील्ड में फ्रीलांसिंग करके काफी अच्छी कमाई कर रहे हैं. भारत में आमतौर पर क्रिएटिव सेक्टर के पेशेवरों जैसेकि, राइटर्स, कॉपी एडिटर्स, फोटोग्राफर्स, पेंटर्स, फैशन डिज़ाइनर्स, ग्राफ़िक डिज़ाइनर्स, कार्टूनिस्ट्स के साथ-साथ इंजीनियर्स, मैकेनिक्स, टेक्नीशियन्स, एकाउंटेंट्स, कंप्यूटर प्रोग्रामर्स और अन्य स्किल्ड लेबर्स जैसेकि, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, मेसन भी आजकल फ्रीलांसिंग का काम करते हैं. फ्रीलांस वर्कफोर्स के मामले में अमरीका के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है. हमारे देश में 43% फ्रीलांसर्स खुद अपने बॉस बनकर वर्क-लाइफ बैलेंस को खूब एन्जॉय कर रहे हैं. हमारे देश में फिलहाल फ्रीलांसिंग पापुलेशन का रेश्यो 22% महिलाएं और 78% पुरुष है. इस आर्टिकल में हम आपको भारत में फ्रीलांसिंग के शानदार करियर ऑप्शन के बारे में महत्त्वपूर्ण और जरुरी जानकारी दे रहे हैं ताकि आप भी फ्रीलांसिंग को अपने करियर ऑप्शन के तौर पर अपनाने से पहले इसके सभी पॉइंट्स से अच्छी तरह परिचित हो सकें.
फ्रीलांसिंग की पसंदीदा वर्क फ़ील्ड्स
भारत में अगर विभिन्न वर्क फ़ील्ड्स में फ्रीलांसिंग के विभिन्न प्रोजेक्ट्स और कामों को शामिल किया जाये तो मुख्य तौर पर निम्नलिखित डाटा फ्रीलांसिंग के महत्व को दर्शाता है:
- ऑनलाइन मार्केट प्लेसेस – 46%
- कंपनियों और इंस्टीट्यूट्स से डायरेक्ट वर्क – 28%
- सोशल/ नेटवर्किंग साइट्स – 15%
- अन्य दफ्तर और एजेंसीज – 11 %
भारत में टॉप फ्रीलांसिंग स्किल्स
भारत में टॉप फ्रीलांसिंग स्किल्स की एक लिस्ट पेश हैं यहां:
- ब्लॉकचेन
- जावा डेवलपमेंट
- मार्केटिंग
- वेब डिज़ाइनर
- एंड्राइड एप डेवलपर
- बुक कीपर
- इलेक्ट्रीशियन
- इंजिनियर
- लोगो डिज़ाइनर
- मैकेनिक
- ट्रांसक्रिप्शन
- वर्चुअल असिस्टेंट
- सॉफ्टवेयर डेवलपर
- स्किल्ल्ड लेबरर
- सोशल मीडिया
- अकाउंटेंट
- ग्राफ़िक डिजाइन
- फोटोग्राफी
किसी पूर्व कार्य अनुभव के बिना भी आप कर सकते हैं फ्रीलांसिंग शुरू
बहुत बार हमारे पास ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी की एजुकेशनल डिग्रियां तो होती हैं और टैलेंट के साथ-साथ किसी फील्ड से संबद्ध स्किल-सेट भी होता है लेकिन कार्य अनुभव बिलकुल नहीं होता है. ऐसे में हम कैसे कार्य अनुभव के बिना फ्रीलांसिंग का काम शुरू कर सकते हैं? आइए आगे पढ़ें:
- सोशल साइट पर अपना ब्लॉग शुरू करें
अगर आप फ्रीलांसिंग के संबंध में अपना ब्लॉग शुरू करेंगे तो आपको फ्रीलांसिंग के संबंध में काफी जानकारी प्राप्त हो जायेगी. अपना ब्लॉग शुरू करने पर आपको अपने एरिया ऑफ़ इंटरेस्ट के बारे में भी पता चल जाएगा.
- वर्क सैंपल्स से मिलेगी मदद
आप अपने रिज्यूम या पोर्टफोलियो के साथ अपने वर्क सैंपल्स तैयार करके अपलोड कर दें ताकि लोगों को आपके वर्क सैंपले के माध्यम से आपके टैलेंट का पता चल जाए.
- शुरू में कम रेट पर या फ्री ऑफ़ कॉस्ट करें फ्रीलांसिंग
अपनी संबद्ध फील्ड में कार्य अनुभव न होने पर आप शुरू में मार्केट रेट से कम रेट पर या फ्री ऑफ़ कॉस्ट फ्रीलांसिंग प्रोजेक्ट्स कर सकते हैं जिससे आपको अपनी फील्ड में बढ़िया वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त हो जायेगा.
- नेटवर्किंग
कुछ समय के बाद आप अपनी संबद्ध वर्क फील्ड में नेटवर्क मजबूत करें ताकि फ्रीलांसिंग के संबद्ध कार्य क्षेत्र में आपकी अपनी पहचान बन जाए और फिर, आपके पास काम की कमी नहीं रहेगी.
एक करियर ऑप्शन के तौर पर फ्रीलांसिंग से मिलने वाले फायदे
वैसे तो पूरी दुनिया में अधिकांश कामकाजी लोग कोई जॉब या अपना कारोबार करना चाहते हैं लेकिन मॉडर्न ट्रेंड्स के मुताबिक आजकल बड़ी संख्या में लोग अपने टैलेंट, क्वालिफिकेशन, स्किल-सेट और इंटरेस्ट के मुताबिक फ्रीलांसिंग के काम की तरफ आकर्षित हो रहे हैं जिसकी वजह है फ्रीलांसिंग की फील्ड से जुड़े अनेक फायदे जैसेकि:
- फ्रीलांसर्स अपनी सुविधा के अनुसार अपने काम करने के घंटे चुन सकते हैं.
- फ्रीलांसर्स को ऑफिस पॉलिटिक्स से बचने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है.
- फ्रीलांसर्स अपने वर्क प्रोजेक्ट और मार्केट रेट्स के मुताबिक कमाई करते हैं.
- अपनी वर्क फील्ड में अपनी खास पहचान बना लेने के बाद फ्रीलांसर्स लाखों रुपये सालाना तक कमा सकते हैं.
- फ्रीलांसर्स अपने बॉस खुद होते हैं और अपनी सुविधा के मुताबिक ही अपना वर्क प्रोजेक्ट निर्धारित समय के भीतर पूरा कर सकते हैं.
- ऑफिस डेकोरम और ऑफिस एटिकेट्स से फ्रीलांसर्स का सीधा वास्ता नहीं पड़ता है इसलिए वे इनकी चिंता न करके बेफिक्र होकर अपना काम पूरा करते हैं.
- छुटियों की फ़िक्र फ्रीलांसर्स को बिलकुल नहीं होती है क्योंकि वे अपनी सुविधा के अनुसार अपना वर्क प्रोजेक्ट पूरा करते हैं.
- फ्रीलांसिंग के काम में अक्सर वर्किंग कॉस्ट काफी कम होती है लेकिन कमाई काफी बढ़िया होती है.
- ऑनलाइन फ्रीलांसिंग आप घर या बाहर अर्थात किसी भी स्थान से कर सकते हैं.
भारत में फ्रीलांसिंग करके आप कर सकते हैं इतनी कमाई
हमारे देश में अगर फ्रीलांसिंग की फील्ड से संबद्ध एवरेज सालाना कमाई की बात की जाए तो भारत के फ्रीलांसर्स 20 लाख रुपये सालाना कमाते हैं और पे पाल की 500 भारतीय फ्रीलांसर्स से लिए गए सर्वे के आधार पर तैयार एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 23% टेलेंटेड फ्रीलांसर्स 60 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं. अन्य 23% फ्रीलांसर्स 2.5 लाख – 5 लाख तक सालाना कमाते हैं और अन्य 54% फ्रीलांसर्स 2.5 लाख रुपये सालाना से कम कमाते हैं.
फ्रीलांसिंग – इन पॉइंट्स का जरुर रखें ध्यान
अक्सर अधिकतर पेशेवर रेगुलर जॉब के साथ ही फ्रीलांसिंग का काम करते हैं क्योंकि फ्रीलांसिंग के काम से कुछ रिस्क भी जुड़े हैं जैसेकि, फ्रीलांसर के पास कोई मार्केट सपोर्ट नहीं होती है और फ्रीलांसिंग के काम के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. फ्रीलांसर्स को अपने वर्क प्रोजेक्ट्स निर्धारित समय-सीमा के भीतर ही पूरे करने पड़ते हैं और फ्रीलांसर्स अपनी वर्क परफॉरमेंस को लेकर अपने क्लाइंट्स के सामने जवाबदेह होते हैं. फ्रीलांसिंग के काम में फ्रीलांसर्स की हरेक गलती का असर उनके कारोबार पर पड़ता है. इसलिए, फ्रीलांसिंग के सभी वर्क प्रोजेक्ट्स निर्धारत समय-सीमा के भीतर पूरी सावधानी से पूरे करने चाहिए और अगर आप जॉब करते हैं तो फ्रीलांसिंग की अपनी संबद्ध वर्क फील्ड में अपनी खास पहचान बनाये बिना कभी अपनी रेगुलर जॉब से इस्तीफा नहीं दें क्योंकि बहुत बार आपको नियमित रूप से फ्रीलांसिंग का काम नहीं मिलता है.
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