भारत सरकार ने कोविड वैक्सीन के विकास के लिए 'मिशन कोविड सुरक्षा' का किया शुभारंभ
केंद्र सरकार ने लगभग 5-6 कोविड -19 वैक्सीन्स के विकास को सुगम बनाने के लिए 'मिशन कोविड सुरक्षा' का शुभारंभ किया है. भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के अनुसार, इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि, विभिन्न वैक्सीन्स को बाजार में पेश करने और लाइसेंस देने के लिए प्रस्तुत किया जाता है.
डीबीटी ने आगे यह बताया कि, यह मिशन प्रीक्लीनिकल चरण के साथ-साथ क्लिनिकल विकास तक, विनिर्माण और नियामक सुविधा के माध्यम से कोविड -19 वैक्सीन विकास के अंत तक ध्यान केंद्रित करता है.
इससे पहले नवंबर 2020 में, भारत सरकार ने ‘मिशन कोविड सुरक्षा - भारतीय कोविड -19 वैक्सीन विकास मिशन’ के लिए 900 करोड़ रुपये के तीसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी.
मुख्य विशेषताएं
- यह मिशन कोविड -19 वैक्सीन के विकास में तेजी लाने में मदद करेगा.
- इससे पहले, डीबीटी ने कोविड वैक्सीन के विकास के साथ-साथ कोविड से संबंधित अन्य समाधानों के लिए भी विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा की थी लेकिन, यह मिशन विशुद्ध रूप से वैक्सीन विकास के लिए समर्पित होगा.
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उद्योग और के शिक्षा क्षेत्र में अब तक कुल 10 वैक्सीन्स का समर्थन किया गया है.
- अब तक, 5 वैक्सीन प्रतिद्वंद्वी मानव परीक्षणों के दौर से गुजर रहे हैं, जिसमें उन्नत पूर्व-नैदानिक चरणों में कम से कम 3 अन्य वैक्सीन्स के साथ रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V भी शामिल है.
'मिशन कोविड सुरक्षा' के मुख्य उद्देश्य
- ऐसे वैक्सीन प्रतिद्वंद्वियों को पूर्व-नैदानिक और नैदानिक विकास के साथ-साथ लाइसेंस उपलब्ध करवाना जो नैदानिक चरणों में हैं या फिर, विकास के नैदानिक चरणों में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं.
- इस मिशन का उद्देश्य नैदानिक परीक्षण स्थल स्थापित करना भी होगा. यह केंद्रीय प्रयोगशालाओं, मौजूदा प्रतिरक्षा प्रयोगशालाओं के साथ-साथ उत्पादन अध्ययन और पशु अध्ययन के लिए उपयुक्त सुविधाओं को मजबूत करेगा. इसी तरह, यह मिशन वैक्सीन विकास के समर्थन के लिए अन्य परीक्षण सुविधाओं को भी मजबूत करेगा.
- इसका प्रमुख भाग एक उपयुक्त लक्ष्य उत्पाद प्रोफ़ाइल का विकास करना होगा ताकि इस मिशन के माध्यम से पेश किए जाने वाले वैक्सीन्स में ऐसी विशेषताएं हों जो भारत के लोगों पर अपना सकारात्मक प्रभाव दिखा सकें.