प्रधानमंत्री मोदी ने दिए स्वदेशी असमियों को भूमि आवंटन प्रमाणपत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने 23 जनवरी, 2021 को असम सरकार के एक ऐसे कार्यक्रम का शुभारंभ किया जिसके तहत राज्य के एक लाख से अधिक भूमिहीन लोगों को भूमि आवंटन प्रमाणपत्र या भूमि पट्टे वितरित किये जायेंगे.
आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि, असम में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एक बार में ‘भूमि पट्टा’ दिया जाएगा. भूमि आवंटन प्रमाणपत्र के वितरण यह कार्यक्रम असम में शिवसागर जिले में जेरेंगा पोथर में आयोजित किया गया.
असम सरकार जनवरी, 2021 में कुल 01 लाख, 3 हजार लोगों को भूमि पट्टे देगी और यह वितरण की प्रक्रिया प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शिवसागर में शुरू की गई है.
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के अनुसार, अवैध प्रवासियों द्वारा कई सरकारी जमीनों, आदिवासी ब्लॉकों का अतिक्रमण किया गया है.
स्वदेशी असमियों को भूमि का आबंटन
- सरकार केवल 4.5 वर्षों में कुल 2,28,160 भूमि पट्टों का आवंटन करेगी.
- प्रधानमंत्री मोदी 1.06 लाख लोगों को आवंटन की शुरुआत करेंगे.
- यहां तक कि, असम सरकार ने वैष्णव मठों और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कदम उठाए हैं.
स्वदेशी लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा
असम राज्य के स्वदेशी लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, असम सरकार ने एक व्यापक नई भूमि नीति बनाई है जिसमें स्वदेशी लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा पर बल दिया गया है.
भूमिहीन परिवारों को भूमि देना क्यों महत्वपूर्ण है?
असम सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, सीमा पार से इस राज्य में अनियंत्रित प्रवास के कारण, असम की जनसांख्यिकी, विशेषकर इस राज्य के निचले क्षेत्र में कुछ बड़े अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं.
इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए, वर्तमान असम सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण हो गया है कि वह राज्य के स्वदेशी भूमिहीन परिवारों को भूमि देना सुनिश्चित करे.