केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हषवर्द्धन ने 21 जुलाई 2018 को दिल्ली के चांदनी चौक में वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान की सर्वाधिक उन्नत प्रणाली (एसएएफएआर) का अनावरण किया.
प्रमुख विशेषताएं
• यह विशाल वास्तविक रंग वाला एलईडी डिस्प्ले 72 घंटे के अग्रिम पूर्वानुमान के साथ साथ कलर कोडिंग के साथ 24 घंटे वायु गुणवत्ता का वास्तविक तालिका प्रदर्शित करता है.
• देश में अपनी तरह के इस पहली प्रणाली का विकास स्वदेशी तरीके से भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे द्वारा रिकॉर्ड समय में किया गया तथा संचालन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा किया गया.
• किसी विशेष दिन के वायु गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर स्वास्थ्य परामर्श एवं संबंधित सावधानी अधिसूचित की जाएगी जिससे नागरिकों को पहले से ही तैयार किया जा सके.
लाभ |
नई प्रणाली वास्तविक समय में यूवी-इंडेक्स, पीएम1, मरक्यूरी एवं ब्लैक कार्बन पर भी नजर रखेगी. सफर प्रणाली से कृषि, उड्डयन, बुनियादी ढांचा, आपदा प्रबंधन कौशल, पर्यटन एवं अन्य कई क्षेत्रों की लागत में कमी आएगी जिन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वायु की गुणवत्ता और मौसम का प्रभाव पड़ता है. |
सफ़र परियोजना के बारे में
• पर्यावरण मंत्रालय के मिशन मॉडल प्रोजेक्ट 'सफर' को भारत के चार शहरों - दिल्ली, पुणे, मुंबई और अहमदाबाद में एक परिचालन सेवा के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है.
• यह प्रणाली दिल्ली में परिचालित भारत की पहली वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का एक अभिन्न अंग होगा और सफ़र, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के मौजूदा वायु गुणवत्ता नेटवर्क को मजबूती प्रदान करेगा.
• यह प्रणाली वायु प्रदूषण और मौसम की आपातकालीन अवस्थाओं के बारे में जन-जागरूकता भी फैलाएगी.
• यह तापमान, वर्षा, आर्द्रता, हवा की गति और हवा की दिशा जैसे सभी मौसम मानकों की निगरानी भी करेगा.
यह भी पढ़ें: नासा ने सेटेलाईट डाटा के कमर्शियल उपयोग को बढ़ावा देने हेतु टूलकिट लॉन्च की