बेल्जियम में लीज विश्वविद्यालय के खगोलविदों के माइकल जिल्लों ने टीम के नेतृत्व में टीम ने ट्रेपिस्ट दूरबीन का इस्तेमाल करके अल्ट्रा कूल ड्वार्फ तारा 2MASS J23062928-0502285,की खोज की. दूरबीन को ट्रेपिस्ट-1 के रूप में भी जाना जाता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में फरवरी, 2016 में सहमति पत्र पर किए गए हस्ताक्षर को पूर्वव्यापी स्वीकृति प्रदान की गई.
सीएआईपीईईएक्स एक तकनीक एवं प्रक्रिया है जिससे बादलों के गठन की प्रक्रिया एवं उन्हें बनाया जाना शामिल है. कृत्रिम बारिश का यह तरीका उस समय मई 2016 में चर्चा में रहा जब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री वाई एस चौधरी द्वारा सीएआईपीईईएक्स शब्द संसद में प्रयोग किया गया.
इस निदेशालय का नाम ‘नॉन फेयर रेवेन्यू डायरेक्टरेट’ है और इसका उद्देश्य गैर-रेल भाड़ा स्रोतों से बड़े पैमाने पर राजस्व बढ़ाना है. रेलवे का एक वरिष्ठ अधिकारी इस निदेशालय का प्रमुख होगा.
वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया की अध्यक्षता वाले मंजूरी बोर्ड ने 28 अप्रैल 2016 की बैठक में इस आशय का फैसला किया. इसके अलावा बोर्ड ने यूनिटेक रीयल्टी प्रोजेक्ट को अपना नाम बदलकर केनडोर गुड़गांव वन डेवलपर्स करने की अनुमति दे दी है.
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को पलटने के मामले में वे अप्रैल 2016 में चर्चा में रहे. जोसेफ ने जुलाई 2014 में उत्तराखंड में बतौर मुख्य न्यायधीश पद संभाला था.
इस मंजूरी के तहत पहले चरण में 750 मेगावॉट का संयंत्र नारायणगंज जिले में मेघनाघाट पर स्थापित किया जाएगा. यह ढाका से दक्षिण पूर्व में 40 किलोमीटर दूर है.
यह पोर्टल भ्रष्टाचार और ठेकेदारों द्वारा अनुबंधित कामगारों के शोषण पर रोक लगाएगा और अनुबंधित कामगारों को उचित एवं समय पर वेतन उपलब्ध कराने में सहायता करेगा.
अमेरिका के दक्षिणी डकोटा की 62 साल की महिला ग्लोरिया ने पिटीशन में कहा कि वह 40 साल से हाइजीन के तौर पर अपने प्राइवेट पार्ट्स पर जॉनसन के दो टैल्कम पाउडर- 'बेबी पाउडर' और 'शॉवर टू शॉवर' का इस्तेमाल करती आ रही हैं.
पहले चरण में 162 अत्यधिक प्रभावित जिलों में एक लाख आंगनबाड़ी केन्द्रों को कवर किया जायेगा. बच्चे जिनकी आयु 0-6 वर्ष है, गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं की इस योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा.
डॉ. राधा बिनोद बर्मन के अतिरिक्त प्रो.एस.महेन्द्र देव, प्रो.राहुल मुखर्जी, डॉ. राजीव मेहता और डॉ. मनोज पांडा राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अन्य अंशकालिक सदस्य हैं. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस आयोग के पदेन सदस्य् हैं.
कूचबिहार के 51 जिलों को 31 जुलाई 2015 तक नो मैन्स लैंड के रूप में जाना जाता था. इससे पहले इस क्षेत्र पर न तो भारत और न ही बांग्लादेश का अधिकार था. परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के नागरिकों को किसी एक देश के पूर्ण अधिकार प्राप्त नहीं थे.
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