भारतीय नौसेना को अमेरिका से मिला P-8आई विमान
पी-8आई विमान लंबी दूरी का एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट है. इसके भारतीय नौसेना में शामिल होने से हिंद महासागर में भारत की ताकत में दोगुना इजाफा होगा.

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना (Indian Navy) की ताकत को लगातार मजबूत किया जा रहा है. भारतीय नौसेना को अमेरिका से P8-I विमान मिला है. भारतीय नौसेना के बेड़े में नवां पोसायडन 8आई (P-8I) विमान शामिल हो चुका है. P8-I विमान एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट है. जो दुश्मन की नौसेना पर निगरानी रखता है.
भारतीय नौसेना को अमेरिका के साथ हुए 1.1 अरब अमेरिकी डालर के रक्षा समझौते के तहत मिलने वाले चार पोसायडन 8आई सामुद्रिक निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान में से एक विमान मिल गया है. भारतीय नौसेना के पास पहले से ही आठ पी-8आई विमान हैं जिन्हें हिंद महासागर में चीन के पोतों और पनडुब्बी पर निगरानी रखने के लिए तैनात किया गया है.
भारत की ताकत में इजाफा
पी-8आई विमान लंबी दूरी का एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट है. इसके भारतीय नौसेना में शामिल होने से हिंद महासागर में भारत की ताकत में दोगुना इजाफा होगा.
मालाबार युद्धाभ्यास
इन दिनों चार दिवसीय मालाबार युद्धाभ्यास चल रहा है. जिसमें भारत समेत चार देशों की नौसेना शामिल हुई हैं. इसमें जापान, भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं शामिल हुई है.
नौसेना के हंसा केंद्र पर लैंडिंग
नौसेना को इस तरह के कुल चार विमान मिलने हैं जिनमें से पहले विमान ने 18 नवंबर 2020 को सुबह गोवा में नौसेना के हंसा केंद्र पर लैंडिंग की. इस विमान में बहुत ही आधुनिक सेंसर लगे हैं, जिससे नौसेना के लिए समुद्र में निगरानी का काम बहुत आसान हो जाएगा. इन नए पी-8आई विमानों को दुश्मन देश के बारे में जानने के लिए कई नई तकनीक और हथियारों से लैस किया गया है.
पी-8 आई विमानों की खरीद को मंजूरी
रक्षा मंत्रालय ने साल 2016 में चार और ऐसे विमानों की खरीद का आर्डर दिया था. पिछले साल सरकार ने छह और पी-8 आई विमानों की खेप की खरीद को मंजूरी दी. अमेरिका से जुलाई 2016 में चार पी-8आई के लिए 88 बिलियन डॉलर में डील हुई थी.