अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा सबसे महत्वकांक्षी मिशन की लॉन्चिंग की तैयारी की जा रही है. नासा यह मिशन सूर्य का अध्ययन करने के लिए अन्तरिक्ष में भेजेगा.
नासा के इस मिशन का नाम पार्कर सोलर प्रोब मिशन है जिसे 6 अगस्त को रवाना किया जाएगा. यह अंतरिक्षयान सूर्य के बेहत करीब पहुंचकर उसका अध्ययन करेगा. इस स्पेसक्राफ्ट को अमेरिकी वैज्ञानिक यूजीन न्यूमैन पार्कर के नाम पर रखा गया है.
पार्कर सोलर प्रोब की विशेषताएं
• नासा द्वारा पार्कर सोलर प्रोब मिशन पर लगभग 1.5 अरब डॉलर (10 हजार करोड़ रुपए) का खर्च किया जा रहा है.
• यह यान 2024 में सूरज की कक्षा में पहुंचेगा, जिसके बाद यह अगले एक वर्ष तक उसके समीप रहकर जानकारियां जुटाएगा.
• नासा इस यान को सूर्य से सिर्फ 61 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थापित करेगा.
• इसका आकार एक छोटी कार के बराबर है और यह 9.10 फीट लंबा है.
• इसका वजन 612 किलो है.
• खास उपकरणों से लैस प्रोब सूर्य की नजदीक से कई तस्वीरें लेगा.
• पार्कर प्रोब इलेक्ट्रिक और चुंबकीय क्षेत्र, कोरोना प्लाज्मा और वातावरण में मौजूद कणों का अध्ययन भी करेगा.
मिशन चुनौतीपूर्ण क्यों? |
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मिशन के विशेष पहलू
• पार्कर सोलर प्रोब एक रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट है. इसे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से प्रक्षेपित किया जाएगा.
• यह अंतरिक्ष यान दूसरे यानों की तुलना में सूर्य के सात गुना ज्यादा करीब जाएगा.
• इस अध्ययन से वैज्ञानिक धरती के वातावरण में होने वाले बदलावों की भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकेंगे.
• पार्कर सोलर प्रोब अपने साथ कई उपकरणों को लेकर जा रहा है जो सूर्य एवं उसके आस-पास के क्षेत्र का अध्ययन करेगा.
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