जानिए क्यों भारतीय विमानन सेवा आज भी गुलामी की प्रतीक है?

नियम के अनुसार, विमान की राष्ट्रीय पहचान सुनिश्चित करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (International Civil Aviation Organization; ICAO) सभी देशों को एक कोड देता है. अंग्रेजों के समय भारत को ICAO ने “VT” कोड दिया था जिसका मतलब होता है “वायसराय टेरिटरी”.
जी हाँ भारत की विमानन सेवा को विश्व में “वायसराय टेरिटरी” के नाम से जाना जाता है. आश्चर्य की बात यह है कि भारत की आजादी के 70 साल बाद भी भारत की विमानन सेवा पूरी दुनिया में अभी भी अंग्रेजों के समय दिए गए नाम से जानी जाती है.
अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (International Civil Aviation Organization; ICAO) के बारे में:-
अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय वायु नौवहन के सिद्धांत और तकनीकों को नियंत्रित करती है और अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात के विकास और योजना का पालन करती है. इसका मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल में क्वार्टियर इंटरनेशनल में स्थित है. I.C.A.O. की स्थापना अप्रैल 1947 में हुई थी.
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अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) का नियम क्या कहता है?
I.C.A.O. के अनुसार सभी देशों को अल्फ्बेटिक कोड चुनने के अधिकार है जिससे विमानों की राष्ट्रीयता को जाना जा सके. ब्रिटिश शासन के अधीन विमानन सेवा प्रदान करने वाले देशों को “VA से लेकर VZ तक” के कोड आवंटित किये गए थे. गुलाम भारत की विमानन सेवा को “VTA कोड” दिया गया था जिसे 1928 में बदलकर VT कर दिया गया था.
क्या भारत ने इस कोड को बदलने का कभी प्रयास नही किया?
ऐसा नही है कि भारत ने इस अपमान के कोड को बदलने के लिए कभी प्रयास नही किया. दरअसल भारत सरकार ने 2004 में इसे बदलने के प्रयास किया था और इस तीन नामों में से एक नाम देने के लिए अप्लाई किया था:
1. IN यानि इंडिया
2. BH यानि भारत
3. HI यानि हिंदुस्तान
लेकिन चीन के पास B सीरीज होने के कारण भारत को BH कोड नही मिला जबकि इटली के पास I सीरीज होने के कारण भारत को IN कोड नही मिल सका था. HI कोड भारत को इसलिए नही मिला क्योंकि यह डोमिनिक रिपब्लिक को दिया गया है. हालाँकि I.C.A.O. ने भारत को X और V में से कोई एक कोड चुनने के विकल्प दिया था लेकिन ये दोनों ही कोड भारत के नाम के साथ फिट नही बैठते हैं इसलिए भारत ने इन्हें स्वीकार नही किया है .
किन देशों ने अपना कोड बदल लिया है?
यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि ब्रिटिश उपनिवेश के अधीन रहने वाले सभी देशों में एयरलाइन्स के लिए दो शब्दों वाले कोड "VT" का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद इन देशों ने अपने लिए नए कोड प्राप्त कर लिए हैं. कोड प्राप्त करने वाले देशों में फिजी, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं.
ज्ञातव्य है कि आजादी से पहले पाकिस्तान के एयरलाइन्स के लिए भी VT कोड इस्तेमाल किया जाता था और आजाद होने के बाद भी उसने कुछ समय तक इसका प्रयोग किया था लेकिन बाद में उसने अपना कोड बदलकर AP कर लिया है. इसी प्रकार हांगकांग ने 1997 में अपना कोड BR-H से बदलकर B-H करवा लिया था.
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हालाँकि भारत की संसद में भारत की एयरलाइन्स के कोड को बदलने की बात उठ चुकी है लेकिन सरकार अभी भी भारत के लिए कोई नया कोड प्राप्त करने में असफल रही है. तो इस प्रकार भारत के पास अंग्रेजों की दी हुई एक गुलामी की निशानी ना चाहते हुए अभी भी मौजूद है.