जानें क्यों 2017-18 की आयकर दरें 2016-17 की तुलना में फायदेमंद हैं
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मोदी सरकार का चौथा आम बजट पेश करते हुए मध्यम वर्गीय लोगों को आयकर के मामले में थोड़ी राहत प्रदान की है| नए प्रावधानों के अनुसार अब ढाई से पांच लाख की व्यक्तिगत आय पर 5% आयकर लगेगा और तीन लाख तक की आय पर मौजूदा कर प्रावधानों के तहत कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा|
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वित्तीय वर्ष 2016-17 की तुलना में 2017-18 का बजट आम लोगों के लिए कैसे लाभदायक है
1. वर्ष 2017-18 के बजट में 5 लाख तक की आय पर लगने वाले कर की दर को 10% से घटाकर 5 % कर दिया गया है जिसके कारण मध्य वर्ग पर पड़ने वाले आयकर के बोझ को कम करने का प्रयास किया गया है | ज्ञातव्य है कि इस आय वर्ग में देश की जनसंख्या के 80% करदाता आते हैं |
2. एक करोड़ रूपये से अधिक की व्यक्तिगत कमाई पर 15% का अधिभार (surcharge) इस वर्ष से लगाया जायेगा इस प्रकार सरकार ने देश में बढती आय असमानता को कम करने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए है |
3. तीन लाख तक की आय पर अब कोई कर नही लगेगा जिसके कारण अब लोग अपनी आय को ईमानदारी से सरकार को बताएँगे इससे लोगों को हर वर्ष 3000 रुपये का लाभ होगा |
4. 15 से 20 लाख की आय पर पहले 4,37,750 रूपए कर के रूप में देना पड़ता था जबकि अब उन्हें 4,24,875 रूपए कर के रूप में देना पड़ेगा अर्थात उन्हें अब 12,875 रूपए की सालाना बचत होगी|
रेल बजट को आम बजट में जोड़ने से क्या फायदा होगा?
वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए आयकर की दरें इस प्रकार हैं:
बजट 2017-18 के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. 50 लाख से 1 करोड़ रूपये के व्यक्तिगत आय पर 10% का अधिभार (surcharge) इस वर्ष से लगाया जायेगा| पहले यह प्रावधान नही था |
2. एक करोड़ रूपये से अधिक की व्यक्तिगत कमाई पर 15% का अधिभार (surcharge) इस वर्ष से लगाया जायेगा| पहले 1 करोड़ रूपये से अधिक की व्यक्तिगत कमाई पर केवल 12% का अधिभार लगाया जाता था |
3. इस साल 2.5 लाख से 5 लाख की व्यक्तिगत आय पर आयकर 10% से घटाकर 5% कर दिया गया है |
4. अब 5 लाख रुपये तक के आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए सिर्फ एक पेज के फार्म की जरूरत होगी|
वित्तीय वर्ष 2016-17 में आयकर की दरें इस प्रकार थीं:
बजट 2016-17 के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं :
1. इस बिल में व्यक्तिगत आय कर माफ़ी की सीमा Rs.2,50000 रखी गयी थी अर्थात जिन लोगों की आय रु. 2.5 लाख तक है उनको कुछ भी कर नही देना था |
2. इस साल सीनियर सिटीजन्स की श्रेणी में एक नया परिवर्तन किया गया था जिसमे 80 वर्ष से ऊपर के वृद्ध लोगों को सुपर सीनियर सिटीजन्स की श्रेणी में रखा गया था और इनको 5 लाख तक की आय पर कर से छूट दी गई थी |
3. इस वित्त वर्ष में सिर्फ 3.7 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न भरा था जिनमें से 76 लाख लोग ऐसे थे जिन्होंने 10 लाख से अधिक कमाई दिखाई जबकि विदेश घूमने जाने वालों की संख्या 2 करोड़ थी|
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