अर्थव्यवस्था
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आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2017-18: मुख्य तथ्यों पर नजर
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 29 जनवरी 2018 को संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण, देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित आंकड़ों को बताता है. इस सर्वेक्षण के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति का सही आकलन किया जा सकता है. आर्थिक सर्वेक्षण-2018 में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आर्थिक विकास की दर 7% और 7.5% के बीच रहेगी .
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भारत से निर्यात किए जाने वाले टॉप 10 उत्पादों की सूची
भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में बताया गया है कि भारत के निर्यात में 2017-18 (अप्रैल-नवंबर) की अवधि में इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पादों के निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई थी; कच्चे तेल और उसके उत्पादों तथा कृषि और संबद्ध उत्पादों के निर्यात में मध्यम वृद्धि हुई थी जबकि रत्न और आभूषण के निर्यात में 3.8% की नकारात्मक वृद्धि हुई थी. यह लेख भारत के निर्यात में सबसे अधिक योगदान देने वाले 10 सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बता रहा है.
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भारत में बजट पेश करने की प्रक्रिया क्या है?
भारतीय संविधान का ‘अनुच्छेद 112’ कहता है कि भारत के वित्त मंत्री द्वारा प्रति वर्ष संसद में बजट पेश किया जाना चाहिए | बजट को ‘वार्षिक वित्तीय विवरण‘ के नाम से भी जाना जाता है| NDA सरकार का चौथा आम बजट वित्तमंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी 2017 को संसद में पेश करेंगे। इस लेख में बजट तैयार करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया है|
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जानें बजट के बारे में 11 रोचक तथ्य
भारत में हर वर्ष फरवरी महीने में केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा आम बजट पेश किया जाता है| लेकिन क्या आपको पता है कि पहली बार बजट कब पेश किया गया था या बजट डॉक्युमेंट की प्रिंटिंग कहां होती है? यदि आपका उत्तर नहीं है तो आइए इस लेख में हम उपरोक्त प्रश्नों के अलावा बजट से संबंधित 11 रोचक तथ्यों का विवरण दे रहें हैं जिससे बजट के संदर्भ में आपकी समझ और भी विकसित होगी|
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क़यामत के दिन की तिजोरी (डूम्स डे वॉल्ट) क्या है और इसे क्यों बनाया गया है?
'डूम्स डे वॉल्ट' नार्वे में 100 देशों द्वारा बनाया गया एक ऐसा जीन बैंक है जिसमें अब तक 9 लाख विभिन्न खाद्य पदार्थों जैसे गेहूं, चना, मटर इत्यादि के बीजों को संभाल कर किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रखा गया हैं.भारत भी इस परियोजना का हिस्सा है. इसका निर्माण 26 फरवरी 2008 में पूरा हुआ था.
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क्या मुद्रा स्फीति हमेशा ही अर्थव्यवस्था के लिए ख़राब होती है?
मुद्रा स्फीति का मतलब बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार वृद्धि से होता हैं. मुद्रा स्फीति की स्थिति में मुद्रा की कीमत कम हो जाती है क्योंकि उपभोक्ताओं को बाजार में वस्तुएं खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है. ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या मुद्रा स्फीति सभी लोगों और अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है या नही?
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फेरा और फेमा में क्या अंतर होता है?
सन 1973 में विदेशी विनिमय नियमन अधिनियम(FERA)पारित किया गया, जिसका मुख्य उद्येश्य विदेशी मुद्रा का सदुपयोग सुनिश्चित करना था. लेकिन यह कानून देश के विकास में बाधक बन गया था इस कारण दिसम्बर 1999 में संसद के दोनों सदनों द्वारा फेमा प्रस्तावित किया गया था. राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद 1999 में फेमा प्रभाव में आ गया.
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जानिए भारत मे सोना कैसे निकाला जाता है?
भारत में सोने का सबसे अधिक उत्पादन कर्नाटक राज्य में होता है (हुट्टी और उटी नामक खानों से) और इसके अलावा आंध्र प्रदश और झारखण्ड (हीराबुद्दीनी और केंदरूकोचा की खानों से) के कुछ भागों से भी सोना निकाला जाता हैl सोना आमतौर पर या तो अकेले या पारे या सिल्वर के साथ मिश्र धातु के रूप में पाया जाता है। इस लेख में हम झारखण्ड की एक खदान के बारे में बता रहें है जहां से एक टन पत्थर से लगभग 4 ग्राम सोना निकाला जा रहा है और हर वर्ष औसतन 7 किलोग्राम सोना निकाला जा रहा है l
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पेंसिल पोर्टल की क्या विशेषताएं हैं?
पेंसिल एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल या प्लेटफार्म है जिसका उद्देश्य बाल मजदूरी मुक्त समाज को बनाने के लिए बाल श्रम का उन्मूलन करना है. अर्थार्त बाल श्रम को पूरी तरह से समाप्त करने में मदद करेगा यह पोर्टल. इस लेख के माध्यम से पेंसिल पोर्टल क्या है, इसकी क्या विशेषताएं है और यह कैसे काम करेगा, NCLP योजना कब और क्यों शुरू की गई थी, इसके पीछे क्या उद्देश्य था, आदि के बारे में भी अध्ययन करेंगे.
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दुनिया के किन देशों में आयकर नही लगता है?
दुनिया के हर देश में सरकारें लोगों के ऊपर आयकर लगतीं हैं और इस आयकर के रूप में इकट्ठे हुए रुपयों की मदद से लोगों के कल्याण के लिए आधारभूत संरचना का विकास करतीं हैं. लेकिन दुनिया में सऊदी अरब, क़तर और बहामास जैसे देश भी हैं जहाँ पर लोगों से आयकर नही लिया जाता है. इस लेख में ऐसे ही कुछ देशों के बारे में बताया जा रहा है.
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वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे परीक्षोपयोगी 20 तथ्य
वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे भारत में 1 जुलाई 2017 से लागू कर दिया गया है. इस कर को लागू करने का मुख्य उद्येश्य देश में एक सामान कर व्यवस्था लागू करना है. GST के लागू होने से देश में कर चोरी कम होगी जिसके कारण सरकार की ‘कर आय’ में बहुत वृद्धि होगी. इस लेख में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) से सम्बंधित 20 महत्वपूर्ण तथ्य दिए जा रहे हैं.
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नया H1-B वीजा विधेयक: भारत को होने वाले 5 नुकसान
H1-B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 101 (15) के तहत दिया जाता है। यह वीजा अमेरिकी कम्पनियों को विभिन्न व्यवसायों में विदेशी कामगारों को अस्थायी रूप से रोजगार देने की अनुमति देता है। नये वीज़ा बिल एक अनुसार अमेरिका आने वाले कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 60,000 से 1 लाख डॉलर करने का प्रस्ताव है |
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अम्ब्रेला स्कीम किससे संबंधित है और इसके क्या फायदे हैं?
अम्ब्रेला स्कीम विशेषकर महिलाओं की देखभाल, सुरक्षा और विकास की योजना हैं. 22 नवंबर, 2017 को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अम्ब्रेला स्कीम मिशन को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं के विस्तार के लिए अपनी मंजूरी प्रदान की. इस लेख के माध्यम से अम्ब्रेला स्कीम क्या है और इसके क्या फायदे है के बारे में जानते हैं.
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जानें भारत में 200, 500 और 2000 रुपये का एक नोट कितने रुपये में छपता है?
भारत में नोट छापने का एकाधिकार यहाँ के केन्द्रीय बैंक अर्थात भारतीय रिज़र्व बैंक के पास है. भारतीय रिज़र्व बैंक पूरे देश में एक रुपये के नोट को छोड़कर सभी मूल्यवर्गों (denominations) के नोट छापता है. रिज़र्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि 200 रुपये के एक नोट को छापने की लागत 2.93 रुपए, 500 रुपये को छापने की लागत 2.94 रुपए और 2000 रुपये का एक नोट छापने के लिए 3.54 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.
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वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा बिल कैसे ग्राहकों के बैंक में जमा धन को प्रभावित करेगा?
सरकार ने लोकसभा में अगस्त में FRDI बिल, 2017 रखा था, जिसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है. अब इसे संसद के शीतकालीन सत्र में सामने लाया जाएगा. इस बिल में वित्तीय सेवा प्रदाताओं के दिवालियापन से निपटने की बात की गई है. इस बिल में यह प्रावधान है कि बैंक लोगों के जमा धन को वित्तीय संकट के समय देने से मना कर सकता है.
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भारत में कम पूँजी में कौन कौन से बिज़नेस शुरू कर सकते हैं?
इस लेख में हम बेरोजगार लोगों को रोजगार दिलाने के लिए कुछ ऐसे व्यवसायों के बारे में बता रहे हैं जो कि थोड़ी पूँजी की सहायता से शुरू किये जा सकते है. इस लेख में हमने यह भी बताया है कि कौन सा बिज़नेस 10 हजार रुपये में और कौन सा 50 हजार या उससे अधिक का निवेश करने पर खोला जा सकता है. लोगों की सुविधा के लिए यहाँ यह भी बताया गया है कि रुपये की व्यवस्था कहाँ से करें.
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बिटकॉइन (Bitcoin) मुद्रा क्या है और कैसे काम करती है?
बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है सरल शब्दों में, यह एक गणितीय संरचना है जो एल्गोरिदम पर चलता है। इसे किसने विकसित किया था इसके बारे में कोई भी ठोस सबूत नही है लेकिन छदम रूप से इसके संस्थापक का नाम ‘सोतशी नाकामोतो’ माना जाता हैl जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है।
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RBI द्वारा किस प्रकार पूरे देश में करेंसी का वितरण किया जाता है?
करेंसी चेस्ट या मुद्रा तिजोरी की स्थापना बैंक नोट के वितरण को सुचारू रूप से चलाने हेतु RBI ने की है. करेंसी चेस्ट खोलने के लिए RBI,बैंकों की चुनिन्दा शाखाओं को अधिकृत करती है. इन करेंसी चेस्ट में RBI के द्वारा बैंक नोटों का भंड़ारण किया जाता है. करेंसी चेस्ट अपने पास के क्षेत्र में आने वाले अन्य बैंक की शाखाओं को बैंक नोट की आपूर्ती करता है.
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भारत में सिक्कों का आकार क्यों घटता जा रहा है?
भारत में सिक्के बनाने का काम वित्त मंत्रालय 4 टकसालों के माध्यम से करता है. भारत सरकार कोशिश करती है कि किसी भी सिक्के की मेटलिक वैल्यू उसकी फेस वैल्यू से कम ही रहे क्योंकि यदि ऐसा नही होगा तो लोग सिक्के को पिघलाकर उसकी धातु को बाजार में बेच देंगे जिसके कारण भारत के बाजर से सिक्के गायब हो जायेंगे. सिक्कों की मेटलिक वैल्यू घटाने के लिए सरकार उनका आकार छोटा कर रही है.
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RBI के नियमों के अनुसार फटे पुराने नोट कैसे और कहाँ बदलें?
यदि आपके पास पुराने और फटे हुए कागज के नोट रखे हुए हैं तो आप इन नोटों को किसी भी वाणिज्यिक बैंक में जाकर बदल सकते हैं. सबसे सुविधाजनक बात यह है कि जिस बैंक में आप ये नोट बदलने जा रहे हैं उसमे आपका बचत खाता या कोई और खाता होना जरूरी नही है. रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के कारण कोई भी बैंक आपके फटे-पुराने नोट बदलने से इनकार नहीं कर सकता है.
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