भारतीय अर्थव्यवस्था
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सेस या उपकार क्या होता है और यह कितने प्रकार का होता है?
सेस; टैक्स के ऊपर लगाया जाने वाला टैक्स है और आमतौर पर विशिष्ट उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है. एक बार इसका उद्देश्य हल हो जाता है तो इसको हटा लिया जाता है. सेस से मिलने वाली राशि को भारत सरकार अन्य राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं करती है और इससे प्राप्त समस्त कर राशि अपने पास रख लेती है. वर्तमान में भारत में 6 प्रकार के उपकर लगाए जा रहे हैं.
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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शहरों का चयन किस प्रक्रिया द्वारा किया जाता है?
स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) भारत में 100 शहरों के निर्माण के लिए एक शहरी विकास कार्यक्रम है. इसे 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था. स्मार्ट सिटीज मिशन का उद्देश्य देश के 100 शहरों में आधारभूत सुविधाओं का विकास करना और नागरिकों को एक स्वच्छ और स्थायी वातावरण प्रदान करना है.
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नरों की सूची
ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा 1935 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक 25 लोगों ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में काम किया है. भारतीय रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर ब्रिटिश बैंकर ओस्बोर्न स्मिथ थे, जबकि सी. डी. देशमुख भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर थे. वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास हैं, जिन्होंने 12 दिसम्बर 2018 को पदभार ग्रहण किया था. इस लेख में हम भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नरों की सूची दे रहे हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए काफी उपयोगी है.
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“मनी लॉन्ड्रिंग” किसे कहते हैं और यह कैसे की जाती है?
मनी लॉन्ड्रिंग से तात्पर्य अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में परिवर्तित करने से है. मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से प्राप्त धनराशि को छुपाने का एक तरीका है। मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से कमाए गए धन पर सरकार को कोई कर नही मिलता है क्योंकि इस धन का कोई भी लेखा-जोखा सरकार के पास नही होता है.
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भारत के 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कब और क्यों हुआ था?
इंदिरा गाँधी सरकार ने 19 जुलाई, 1969 को एक आर्डिनेंस जारी करके देश के 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था. जिस आर्डिनेंस के ज़रिये ऐसा किया गया वह ‘बैंकिंग कम्पनीज आर्डिनेंस’ कहलाया था. इस राष्ट्रीयकरण के पीछे सबसे बड़ा कारण बैंकों को केवल कुछ अमीरों के चंगुल से बाहर निकालना था ताकि आम आदमी को भी बैंकिंग क्षेत्र से जोड़ा जाए.
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अंतरिम बजट 2019-20 की खास बातें
देश का 15वां अंतरिम बजट कार्यवाहक वित्त मंत्री पियूष गोयल द्वारा पेश किया गया है. चूंकि अगले कुछ महीनों में देश में आम चुनाव होने हैं इसलिए इस बजट के लोक लुभावन होने की पहले से ही उम्मीद थी. आइये इस लेख में जानते हैं कि किस वर्ग के लिए क्या क्या है इस बजट में.
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भारतीय बजट से जुडी शब्दावली
भारत के वित्तमंत्री द्वारा फरवरी माह में पेश किया जाने वाला बजट किस प्रकार का होगा और वह देश के नागरिकों की जिंदगी को किस प्रकार प्रभावित करेगा, इस प्रश्न का उत्तर हर भारतीय जानना चाहता है | लेकिन बजट में इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ शब्दों की वजह से वे बजट को ठीक से समझ नही पाते हैं | इसीलिए इस लेख में हमने राजस्व प्राप्तियां, योजनागत व्यय, राजकोषीय घाटा जैसे कुछ शब्दों के बारे में बताया है |
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भारत में बजट बनाने में किस तरह की गोपनीयता बरती जाती है?
भारतीय संविधान का ‘अनुच्छेद 112’ कहता है कि भारत के वित्त मंत्री द्वारा प्रति वर्ष संसद में बजट पेश किया जाना चाहिए| भारत में बजट बनाने के लिए लगभग 100 कर्मचारियों को 7 दिन तक अपने परिवार से दूर, बिना फ़ोन, इन्टरनेट के ख़ुफ़िया विभाग की नजर में एक कमरे में बंद रहना पड़ता है |
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जानें सरकार हर वर्ष बजट क्यों पेश करती है?
बजट सरकार की आय और व्यय का लेखा जोखा होता है अर्थात बजट में यह बताया जाता है कि सरकार के पास रुपया कहां से आया और कहां गया| सरकार द्वारा हर साल बजट पेश करने का सीधा मतलब यह है कि सरकार लोगों को यह बताना चाहती है कि लोगों द्वारा हर साल दिए गए पूरे टैक्स का लेखा जोखा सरकार के पास मौजूद है और इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नही हुई है|
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सिक्का अधिनियम 2011: भारत में सिक्कों के साथ क्या नहीं कर सकते
भारतीय रिज़र्व बैंक; भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार मुद्रा नोट्स प्रिंट करता है, जबकि भारत में सिक्के, सिक्का अधिनियम, 2011 के अनुसार बनाये जाते हैं. सिक्का अधिनियम, 2011 जम्मू-कश्मीर सहित पूरे भारत में लागू है. इस लेख के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि भारत में सिक्कों के इस्तेमाल को लेकर क्या क्या नियम बनाये गए हैं.
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भारत में महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न कंपनियों की सूची
“लोक उद्यम विभाग” सभी केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSEs) का नोडल विभाग है और यह CPSEs से संबंधित नीतियां तैयार करता है. वर्तमान में लोक उद्यम विभाग; भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय का हिस्सा है. वर्तमान में भारत में 8 महारत्न कम्पनियाँ,16 नवरत्न कम्पनियाँ हैं और 74 मिनीरत्न कंपनियों को श्रेणी 1 और श्रेणी 2 में बांटा गया है. इस लेख में हम महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न कम्पनियों के नाम बता रहे हैं.
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सब्सिडी किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार की होती है?
सब्सिडी एक प्रकार की वित्तीय मदद है जो कि सरकार द्वारा किसानों, उद्योगों, उपभोक्ताओं (मुख्यतः गरीबों) को उपलब्ध करायी जाती है जिसके कारण वांछित लोगों के लिए जरूरी चीजों के दाम नीचे आ जाते हैं l वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कुल सब्सिडी बिल 2,32,704.68 करोड़ रुपये था जो कि 2017-18 में 2,40,338.6 करोड़ रुपये होने का अनुमान हैl
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किन देशों में भारतीय करेंसी मान्य है और क्यों?
डॉलर को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल करेंसी का तमगा हासिल है. कोई भी देश डॉलर में भुगतान लेने को तैयार हो जाता है. लेकिन क्या इस तरह का सम्मान भारत की मुद्रा रुपया को मिलता है. जी हाँ, भले ही ‘रुपये’ को डॉलर जितनी आसानी से इंटरनेशनल ट्रेड में स्वीकार ना किया जाता हो लेकिन फिर भी कुछ ऐसे देश हैं जो कि भारत की करेंसी में आसानी से पेमेंट स्वीकार करते हैं. आइये इस लेख में इन सभी देशों के नाम जानते हैं.
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जानें नेपाल ने भारत की करेंसी क्यों बैन की?
नेपाल ने 14 दिसम्बर 2018 को भारत के 100 रूपए से ऊपर के सभी नोटों को अपने देश में बैन कर दिया है. अर्थात नेपाल जाने वाले भारतीय लोगों (व्यापारी, पर्यटक और आम जन) को नेपाल जाने के लिए 200 रूपए से कम वैल्यू के नोट लेकर ही जाना चाहिए. इस लेख में हम यह विश्लेषण कर रहे हैं कि नेपाल ने यह निर्णय क्यों लिया और इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
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जानिये किसानों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन समिति की क्या सिफारिशें थीं?
अशोक दलवाई समिति की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भारत के किसान की औसत आय 77,976 रुपये प्रतिवर्ष है. भारत सरकार ने इसे 2022 तक दुगुना करने का लक्ष्य रखा है. भारत में वर्ष 1995 से 2004 के बीच कुल मिलाकर 1,56,541 किसानों ने आत्महत्या की है. इसका मतलब है कि इस दशक में हर साल लगभग 15,654 किसानों ने आत्महत्या की है. स्वामीनाथन समिति ने किसानों की दशा सुधारने के लिए कई सिफरिसें सरकार को वर्ष 2006 में सौंप दी थी.
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भारत में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों की सूची
प्रधानमन्त्री मोदी द्वारा 12 नवंबर, 2018 को हल्दिया-वाराणसी राष्ट्रीय जलमार्ग -1 को चालू किया गया था. राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अंतर्गत भारत सरकार ने देश में राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू) के रूप में 111 जलमार्ग घोषित किए हैं. जलमार्ग के द्वारा परिवहन अन्य साधनों की तुलना में सस्ता पड़ता है. जलमार्गों के माध्यम से परिवहन की लागत लगभग प्रति टन 1.06 रुपये प्रति किलोमीटर है जबकि राजमार्ग के माध्यम से प्रति टन 2.5 रुपये प्रति किलोमीटर की लागत आती है.
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कार्बन ट्रेडिंग किसे कहते हैं और इसका व्यापार कैसे किया जाता है?
कार्बन क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय उद्योग में कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की योजना है. कार्बन क्रेडिट सही मायने में किसी देश द्वारा किये गये कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने का प्रयास है जिसे प्रोत्साहित करने के लिए मुद्रा से जोड़ दिया गया है. अर्थात कार्बन ट्रेडिंग से सीधा मतलब है कार्बन डाइऑक्साइड का व्यापार.
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मेथनॉल अर्थव्यवस्था क्या है और इससे भारत को क्या फायदे होंगे?
वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य ड्राईवर डीजल और पेट्रोल हैं अर्थात भारत की अधिकतम ऊर्जा जरूरतें डीजल और पेट्रोल के प्रयोग से पूरी होतीं हैं लेकिन अब इस ट्रेंड को बदलने की दिशा में काम हो रहा है. मेथनॉल अर्थव्यवस्था का शब्दिक अर्थ ऐसी अर्थव्यवस्था से है जो कि डीजल और पेट्रोल पर आधारित होने के बजाय मेथनॉल के बढ़ते प्रयोग पर आधारित हो.
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विश्व इतिहास में सबसे बड़ी महामंदी कब, कहाँ और क्यों आई थी?
वर्ष 1929 में शुरू हुई महामंदी के आने से पहले विश्व के उद्योगपतियों की धारणा यह थी कि “पूर्ती अपनी मांग स्वयं पैदा कर लेती है”. इसी विचारधारा के कारण उद्योगपतियों ने उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया उसकी बिक्री पर नहीं. एक समय ऐसा आ गया कि बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की पूर्ती ज्यादा हो गयी और मांग कम. इसी कारण पूरा विश्व महामंदी की चपेट में आ गया था.
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क्या किसानों के पास पराली जलाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है?
बरसात का मौसम धान की पैदावार के लिए बहुत ही अनुकूल होता है इसलिए पंजाब और हरियाण सहित पूरे देश में धान की फसल पैदा की जाती है लेकिन अक्टूबर और नवम्बर में ये फ़सल हार्वेस्टर मशीन की सहायता से काट ली जाती है लेकिन इस कटाई में फसल का सिर्फ अनाज वाला हिस्सा अर्थात धान के पौधे के ऊपर का हिस्सा ही काटा जाता है और बाकी का हिस्सा खेत में ही लगा रहता है जिसे पराली कहते हैं.
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